बेंगलुरू थोक कपड़ा व्यापारी संघ (बीडब्ल्यूसीएमए) ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के मद्देनजर पाकिस्तान को हाल ही में दिए गए “समर्थन” का हवाला देते हुए, तुर्की और अजरबैजान से कपड़ों के सभी आयात और निर्यात को तत्काल प्रभाव से रोकने का निर्णय लिया है।
बीडब्ल्यूसीएमए ने इस संबंध में अपना सर्वसम्मत निर्णय घोषित कर दिया है।
बीडब्ल्यूसीएमए के अध्यक्ष प्रकाश पिरगल ने एक बयान में कहा, “यह सामूहिक कार्रवाई सावधानीपूर्वक विचार-विमर्श के बाद और नैतिक व्यावसायिक प्रथाओं, राष्ट्रीय भावना और हमारे व्यापार समुदाय के हितों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता के अनुरूप की गई है। कपड़ा व्यापार क्षेत्र में जिम्मेदार हितधारकों के रूप में, हमारा मानना है कि जब आवश्यक हो तो सैद्धांतिक रुख अपनाना आवश्यक है।”
“तदनुसार, हमारे सभी सदस्य इस बात पर सहमत हुए हैं: तुर्की और अजरबैजान से कपड़ा वस्तुओं के सभी वर्तमान और भविष्य के आयात को रोकना, इन देशों को सभी चल रही या नियोजित निर्यात गतिविधियों को रोकना, तथा मध्यस्थों या तीसरे पक्ष के देशों के माध्यम से किसी भी अप्रत्यक्ष व्यापार में शामिल होने से बचना, जिसमें तुर्की और अजरबैजान से उत्पन्न या वहां जाने वाले कपड़ा उत्पाद शामिल हो सकते हैं।” उन्होंने कहा कि यह प्रस्ताव अगली सूचना तक लागू रहेगा तथा किसी भी संशोधन की सूचना एसोसिएशन के शासी निकाय के माध्यम से आधिकारिक रूप से दी जाएगी।
पिरगल ने पीटीआई को बताया, “बीडब्ल्यूसीएमए बेंगलुरु में लगभग 3,000 थोक दुकानों का एक संघ है। इन देशों के साथ हमारा व्यापार करोड़ों रुपये में है, वहां से बहुत सारी कपड़ा सामग्री आती है और निर्यात भी की जाती है।”
उन्होंने कहा, “इन दोनों देशों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया है। हम भारत सरकार के साथ खड़े हैं, देश पहले आता है। याद कीजिए जब तुर्की में भूकंप आया था, तो भारत ने वहां मानवीय जरूरतों के लिए सबसे पहले प्रतिक्रिया दी थी, लेकिन वे पाकिस्तान के साथ खड़े रहे, जिसने हमारे लोगों को मारने के लिए आतंकवादियों को भेजा।” बीडब्ल्यूसीएमए ने सभी संबंधित प्राधिकारियों, व्यापार साझेदारों, लॉजिस्टिक्स प्रदाताओं और प्रासंगिक हितधारकों से अनुरोध किया है कि वे इस घोषणा पर ध्यान दें और व्यापार को निलंबित करने के निर्णय का पालन सुनिश्चित करने में अपने सदस्यों के साथ सहयोग करें।